हाथों में हाथ है ,
लेकिन नब्ज़ छूटी सी है ,
सीने से लगे डीपी में ,
अहसास की दूरी सी है .
होठों पर मुस्कराहट है ,
ख़ुशी की कमी सी है .
सपनो के समंदर में ,
आँखों में नमी सी है .
यादों के बवंडर में ,
रात अमावस सी है .
टेक केयर के जमघट में ,
अविश्वास की ज़मी सी है .
तुम ना हो तो,दुनिया बेरंग सी कहीं ,
और होतो मन में रौशनी सी है .
तूलिका .