धवल मेल
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नन्हे पखेरू
नूतन आयास ( New Steps ,Film /Work )
खानाबदोश Khanabadosh
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Friday, February 5, 2021
बेहतर
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कुछ किताबों की जिल्द ना उतारी जाये तो बेहतर है , कुछ पतंगों की डोर ना पकड़ें तो बेहतर है , कुछ अरमान ना हों तो बेहतर है , कुछ फरमान ना ज़ारी...
Thursday, April 23, 2020
खिड़कियाँ
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आज बात उनकी है , जो "धारा" की एड देखकर जलेबी खाने निकल पड़ते थे । आज बात उनसे है जिन्होंने , "गरुड़" फोन को नासा का रे...
काम
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जो कुछ नही करते ,बड़ा वो काम करते हैं , यहाँ की वहाँ जाकर परेशान करते हैं । गर मिल जाए उनकी नज़र से नज़र , झुक झुक कर कई बार सलाम करते हैं।...
Saturday, April 11, 2020
कॉफ़ी
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सुबह 3 .15 पर , कॉफ़ी और चीनी को फेटते हुए , बिना किसी डालगोना इफेक्ट से प्रभावित हुए , समय के दो रंग दीखते हैं । श्वेत ,सुन्दर डाय...
Friday, October 11, 2019
कॉफी हाउस
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माल रोड के इस कैफ़े के आसपास, आज भी कोई मॉल नहीं है , आज भी कॉफी बीन्स की खुशबू , कैफ़े में घुसते ही पचास दशक पुरानी है . पीली डिम लाइट , ...
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