Wednesday, September 11, 2019

अच्छा नहीं होता

खिड़कियों को खोलना ,
हमेशा अच्छा नहीं होता .

अच्छा नहीं होता,
हमेशा ,
बुलबुलों का मुंडेर पर बैठना .

हवाएं सांस देती तो है ,
लेकिन ये हमेशा तो नहीं होता  .

दरवाजे  की  देहरी  पर खड़े  होकर  ,
हमेशा किसी  एक ओर  देखना  ,
अच्छा तो नहीं होता .

माना है ,
कुछ रोशन दान ज़रूरी है घर के वास्ते ,
लेकिन हर उजाला रौशनी नहीं तो होता .

ज़रूरी नहीं आँखों  में  हर सपनों  को बुनना ,
हर बार उनका चटकना ,
अच्छा तो नहीं होता .

चलो मुस्कुराना बनालो रिवाज़
हर जंग लड़ना अच्छा नहीं होता .

तूलिका .