Tuesday, August 16, 2011

रेखाएं

रेखाएं -

हाँथ पर हों तो ,
किस्मत बन इतराएँ ,
माथे पर दिखे तो,
शिकन तन जाये ,
फासला चाहो तो सीमायें खीच जाएँ 
न बोले ,न सुने  ,न ठहरें ,
अजीब दास्ताँ ये रेखाएं बनाये !

चेहरे पर आयें ,
तो उम्र जताएं ,
शब्दों से पिरोओ,
तो पंक्ति बन जाएँ ,
रिश्तों में हो तो ,
दरार बढ़ाएं ,
न बोले ,न सुने  ,न ठहरें ,
अजीब दास्ताँ ये रेखाएं बनाये !


तूलिका

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