रेखाएं -
हाँथ पर हों तो ,
किस्मत बन इतराएँ ,
माथे पर दिखे तो,
शिकन तन जाये ,
फासला चाहो तो सीमायें खीच जाएँ
न बोले ,न सुने ,न ठहरें ,
अजीब दास्ताँ ये रेखाएं बनाये !
चेहरे पर आयें ,
तो उम्र जताएं ,
शब्दों से पिरोओ,
तो पंक्ति बन जाएँ ,
रिश्तों में हो तो ,
दरार बढ़ाएं ,
न बोले ,न सुने ,न ठहरें ,
अजीब दास्ताँ ये रेखाएं बनाये !
तूलिका
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