हर जगह
चमकते रहो सदा हर जगह ,
चमकते है तारे सितारे जिस तरह ,
बनो ,बढ़ो ,फूलो हर घड़ी ,
चलो गढ़ों मंजिल हर कड़ी |
खुशियाँ ही हो जीवन में सदा ,
पर गम में भी न डगमगाओ ज़रा ,
आज नहीं तो कल ,
पाओगे ,फलोगे ,दिखोगे हर जगह |
सुअकृति की तुम शुचिता ,
बनो सायमी और तितिक्षा ,
चलो बध्परिकर राह पर तुम ,
लंबित है जहा तुम्हारी सफलता |
शिखर से बढ़ो हर उस शिखर,
दिखता हो खुला आसमान जिधर ,
पाप गलत्कार की न हो घटा ,
बढ़ो मेरे साथी धैर्य से तुम उधर |
हर घड़ी हर कड़ हर छड हो तुम्हारा ,
करो प्रफुल्ल सभी को हर जगह ,
फक्र हो अपनी जाया पर हर जिसे ,
साथी रचो तुम ऐसी दास्ताँ |
तूलिका |
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