Saturday, December 15, 2018

रिश्ते

कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
कुछ रिश्ते नाम के होते है
कुछ ज़िन्दगी के किस्से होते है
कुछ ज़िन्दगी के हिस्से होते है

सूरज तो रोज़ निकलता है
कुछ फूल खिलते है
कुछ धूप ढोते है
दूर की रौशनी से भी
कुछ ख्वाब पलते है
कुछ ज़िन्दगी के किस्से होते है
कुछ ज़िन्दगी के हिस्से होते है

खास होती है शामे
जब दोस्त मिलते है
अपनों के अहसास तले
पतझड़ भी बसंत लगते है
कुछ ज़िन्दगी के किस्से होते है
कुछ ज़िन्दगी के हिस्से होते है

खुशनसीब है वो जो
न मिलकर भी रोज़ मिलते है
वर्ना साथ बैठकर भी लोग
टेक्स्ट करते है .
कुछ ज़िन्दगी के किस्से होते है
कुछ ज़िन्दगी के हिस्से होते है

कमतर नहीं है वो
जो असंयम में संयम रखते है
नाविक बहुत है समूहों में
कम है वो जो तूफ़ान रोकते है
दीखते है कई उड़ते हुए चारो ओर
चंद है जो अपने पर लिए उड़ते है
कुछ ज़िन्दगी के किस्से होते है
कुछ ज़िन्दगी के हिस्से होते है

तूलिका