Friday, February 5, 2021

बेहतर

 कुछ किताबों की जिल्द ना उतारी जाये तो बेहतर है ,

कुछ पतंगों की डोर ना पकड़ें तो बेहतर है ,
कुछ अरमान ना हों तो बेहतर है ,
कुछ फरमान ना ज़ारी हों तो बेहतर है ,
कुछ खामोशियाँ ना हो तो बेहतर है ,
कुछ बातें ना कही जाये तो बेहतर है ,
कुछ सपने ना देखें तो बेहतर है ,
कुछ नीर गालों तक ना आएं तो बेहतर है ,
कुछ उमीदों को ना रखें तो बेहतर है ,
कुछ कवितायेँ न सुनी जाएँ तो बेहतर है ,
कुछ अहसास पढ़ लिए जाएँ तो बेहतर है,
कुछ भावनाएं गीत बन जाएँ तो बेहतर है ,
कुछ सुगंध हाँथ में रह जाये तो बेहतर है ,
कुछ आज़ाद बंधन हों तो बेहतर है ,
कुछ चुप्पी शब्द बन जाएँ तो बेहतर है ,
कुछ शाम ठहर जाये तो बेहतर है।
तूलिका।